राजस्व वसूली और लंबित प्रकरणों के समाधान पर जोर
धान खरीदी केंद्रों पर छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता
भूमि विवाद, नामांतरण, और खाता विभाजन मामलों के शीघ्र निपटान का निर्देश
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने और नक्शा नवीनीकरण कार्य को प्राथमिकता
अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों पर जवाबदेही तय
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को राजस्व से संबंधित प्रकरणों का विशेष अभियान चलाकर 13 दिसम्बर 2024 के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए। सभी अनुविभागीय अधिकारी व तहसीलदार समय-सीमा के बाहर प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से पूर्ण करें। राजस्व वसूली में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाये। तहसीलदार स्वविवेक से राजस्व वसूली में विशेष ध्यान देवें। कलेक्टर ने कहा कि धान उपार्जन केंद्र पर आने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों के धान को प्राथमिकता के आधार पर खरीदा जाए। समिति में किसी प्रकार का बाहरी धान न आये, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में राजस्व संबंधित होने वाली गतिविधियांे की गहन समीक्षा की। उन्होंने सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों से राजस्व संबंधी लंबित मामलों की जानकारी ली एवं आवश्यक निर्देश देते हुए लंबित प्रकरणों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा। उन्होंने विवादित नामांतरण, विवादित खाता विभाजन एवं नक्शा सुधार के कार्यों को पटवारी से समन्वय कर खाता विभाजन के कार्यों को सुनिश्चित करने कहा। बैठक में कलेक्टर ने बंटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, नामातरण, खाता विभाजन सहित सभी राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जनदर्शन व कलेक्टर जनदर्शन के अंतर्गत राजस्व संबंधी लंबित प्रकरणों को शीघ्रता से निराकरण करने के निर्देश दिये। इसके अलावा नक्शा बटांकन के कार्यों के संबंध में तहसीलदारों को निर्देशित किया कि मैदानी क्षेत्रों का निरीक्षण कर जमीन की वस्तुस्थिति जांच की जाए एवं नक्शा बटांकन किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शासकीय भूमि से कब्जा हटाने के भी निर्देश दिये। इसके अलावा भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों एवं मुआवजा भुगतान, भारतमाला परियोजना, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये। प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान करने में किसी भी प्रकार का विलंब न हो। उन्होंने सभी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख (एएसएलआर) को आबंटित अपने-अपने तहसीलों का निरीक्षण कर उचित कार्यवाही करते हुए एसडीएम को सूचित करने के निर्देश दिए। उन्होंने भू-अभिलेख को सुधार करने के निर्देश दिये। विशेषतौर पर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदारों से समन्वय बनाकर भू-अभिलेख संबंधी प्रकरणों को निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी तहसीलदार नक्शा नवीनीकरण कार्य को शीघ्र करने के उपरांत मूल कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। अनुविभागीय अधिकारी गंभीरता से निरकरण करें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने स्वामित्व से संबंधित प्रकरणों का निराकरण 13 दिसम्बर 2024 तक पूर्ण कर लेनें को कहा। राजस्व वसूली को लेकर कलेक्टर ने सभी व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र से राजस्व कर वसूली किया जाना सुनिश्चित करने कहा। बैठक में एडीएम श्री अरविंद एक्का, अपर कलेक्टर श्री मुकेश रावटे, दुर्ग एसडीएम श्री हरवंश सिंह मिरी, धमधा एसडीएम श्री सोनल डेविड, पाटन एसडीएम श्री लवकेश ध्रुव और भिलाई एसडीएम श्री महेश सिंह राजपूत सहित सभी तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख उपस्थित थे।
रायगढ़ के आयुष साहू और भिलाई के वत्सल सोनवानी राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में छत्तीसगढ राज्य का करेंगे प्रतिनिधित्व
दुर्ग। पावरग्रिड पॅश्चिम क्षेत्र-1 के कुम्हारी उपकेंद्र द्वारा विगत 27 नवम्बर को छतीसगढ के स्कूली बच्चों के लिए ऊर्जा संरक्षण विषय पर एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता के तीसरे और आखिरी चरण में राज्य के विभिन्न स्कूलों से ए-वर्ग में कक्षा 5 से कक्षा-7 तक के 50 तथा बी-वर्ग में कक्षा-8 से कक्षा-10 तक के 50 बच्चे यानि कुल 100 बच्चे इसमें शामिल हुए । इस प्रतियोगिता के प्रथम चरण में करीब एक लाख बीस हजार स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया था।
दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन के ऐतिहासिक निर्णय ने राज्य के किसानों के जीवन में नई उम्मीदें जगाई हैं। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की समर्थन मूल्य पर एवं 21 क्वि. प्रति एकड़ खरीदी ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। यह निर्णय न केवल किसानों की मेहनत का सम्मान करता है बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का भी एक प्रयास है। दुर्ग जिले में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश में धान उपार्जन केंद्रों पर किसानों की उपज की खरीदी सुचारू रूप से चल रही है। किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जिले के दुर्ग ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कोनारी के किसान श्री अश्विनी कुमार साहू ने अपनी आधी एकड़ की जमीन से 11.20 क्विंटल धान की उपज ली और उसे समर्थन मूल्य पर बेच दिया। उन्होंने बताया, ’’मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि सरकार ने किसानों के हितों का ख्याल रखा है। धान बिक्री से मिली राशि से मैं अपना बैंक से लिया कर्ज चुका दूंगा और बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी निकाल लूंगा।’’ कृषक श्री अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, ’’मुख्यमंत्री श्री साय के इस निर्णय ने हमारे जीवन में एक नयी आशा लाई है। उन्होंने किसानों की आवाज सुनी और उनके कल्याण के लिए काम किया, इसके लिए मै उनका शुक्रगुजार हूं।’’
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बजरंग दुबे के मार्गदर्शन में आदर्श संकुल संगठन का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण डीपीआरसी अंजोरा में आयोजित किया गया। आयोजन में जिले के प्रत्येक जनपद से एक-एक संकुल संगठन को आदर्श संकुल संगठन बनाए जाने तथा आदर्श संकुल संगठन का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने, सामुदायिक संगठन का नेतृत्व करने एवं संकुल संगठन का गवर्नेंस बेहतर ढंग से संचालन करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। इस आयोजन में 42 संकुल संगठन के स्कूटीय कमेटी के मेंबर ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में सुनील शर्मा जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनआरएलएम एवं सभी कमिटी मेंबर्स उपस्थित थे।
दुर्ग। जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में युवोदय स्वयंसेवा कार्यक्रम के अंतर्गत किशोर-किशोरी सशक्तिकरण एवं बाल सुरक्षा पर संकुल समन्वयक एवं नोडल शिक्षकों हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर-किशोरियों के समग्र विकास, उनकी सुरक्षा एवं समाज में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना था।कार्यशाला में यूनिसेफ बाल सुरक्षा राज्य सलाहकार श्री अभिषेक कुमार ने मिशन वात्सल्य के स्पॉन्सरशिप योजना, फॉस्टर केयर योजना एवं बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने इन योजनाओं के क्रियान्वयन और बच्चों की सुरक्षा में उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दुर्ग श्री गोविंद साव ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों से अपील की कि वे किशोर-किशोरियों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल बच्चों के शैक्षणिक विकास में बल्कि उनके मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि शिक्षण कार्य के साथ-साथ बाल सुरक्षा, बाल विवाह रोकथाम, और मिशन वात्सल्य जैसी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी योगदान दें। साथ ही, बच्चों को उनके अधिकारों, अवसरों और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने में सहयोग करें। कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन, यूनिसेफ, और सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि इस तरह के प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे और बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा। युवोदय जिला समन्वयक, श्री शशांक शर्मा ने युवोदय कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ की भूमिका दोनों संस्थाएं मिलकर युवाओं के सशक्तिकरण और बाल सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं। जिला संसाधन समूह की भूमिका यह समूह बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में मदद करता है।