कोर कमिटी की बैठक में ईवीएम के बहिष्कार का निर्णय
अमित जोगी ने विपक्षी दलों से चुनाव बहिष्कार में साथ देने की अपील
बैलट पेपर प्रणाली को पारदर्शिता और लोकतंत्र की मजबूती का आधार बताया
ईवीएम विवाद: लोकतंत्र और जनता के विश्वास की नई बहस शुरू
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाते हुए, चुनाव प्रक्रिया में बैलट पेपर की वापसी की मांग की है। पार्टी ने अपने इस रुख को स्पष्ट करने के लिए सभी गैर-एनडीए दलों से ईवीएम आधारित चुनावों के बहिष्कार का आह्वान किया है।
कोर कमिटी का निर्णय
पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। पार्टी के नेता अमित जोगी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा:
“जब तक चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए जाते रहेंगे, तब तक हम सभी गैर-एनडीए दलों से चुनाव बहिष्कार का आह्वान करते रहेंगे।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता का लोकतंत्र में भरोसा बनाए रखना अनिवार्य है और यह तभी संभव है जब चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष हों।
बैलट पेपर की वापसी की मांग
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने बैलट पेपर आधारित मतदान प्रणाली को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए आवश्यक बताया। पार्टी के अनुसार:
- ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल:
ईवीएम को लेकर लगातार विवाद होते रहे हैं, जिससे मतदाताओं का भरोसा कमजोर हो रहा है। - बैलट पेपर का महत्व:
बैलट पेपर प्रणाली मतदाता की गोपनीयता, पारदर्शिता, और जनता के विश्वास को मजबूत करती है।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए कदम
अमित जोगी ने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है। उन्होंने संविधान के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा:
“हमारा लक्ष्य लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करना है। बैलट पेपर प्रणाली ही जनता के विश्वास को पुनः स्थापित कर सकती है।”
अन्य राजनीतिक दलों से समर्थन की अपील
पार्टी ने अन्य गैर-एनडीए राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर समर्थन मांगा है। उनका मानना है कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर इस कदम का समर्थन करें, तो ईवीएम को हटाकर बैलट पेपर से चुनाव कराना संभव होगा।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का यह निर्णय ईवीएम आधारित चुनाव प्रक्रिया पर लंबे समय से चल रहे विवाद को फिर से चर्चा में ला सकता है। पार्टी के इस कदम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनता के विश्वास को लेकर एक नई बहस छिड़ सकती है।