रायपुर :छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में अब पानी की बूंदें नहीं, बल्कि खुशियों की धार बह रही है। जशपुर जिले के भितघरा पंचायत का एक छोटा सा गांव राजपुर, जो पहाड़ी कोरवा विशेष पिछड़ी जनजाति का निवास स्थल है, अब ‘हर घर जल’ की श्रेणी में शामिल हो चुका है। जल जीवन मिशन के तहत यहां के सभी 69 परिवारों को घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सुविधा मिल रही है।

पहले यहां के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लगभग 500 मीटर नीचे ढलान तक जाना पड़ता था। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह काम बेहद कठिन था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। गांव की महिला करूणा दास कहती हैं, अब पानी भरने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता, घर में ही साफ पानी मिल रहा है। यह बदलाव हमारे लिए किसी सौगात से कम नहीं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर पिछड़ी जनजातियों को शासन की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हुआ है। मुख्यमंत्री की इस सोच को ज़मीन पर उतारने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के बगीचा उपखंड के अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से गांव में दो उच्च स्तरीय एकल ग्राम योजनाओं के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की गई।

अब जब घर-घर नल से जल पहुंच रहा है, तो गांव में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि वर्षों बाद उन्हें ऐसा लगा कि शासन सचमुच उनकी जरूरतों को समझ रहा है और उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। जल जीवन मिशन ने सिर्फ पानी ही नहीं पहुंचाया, बल्कि सम्मान, सुविधा और स्वास्थ्य की सौगात भी दी है। राजपुर जैसे गांवों में यह योजना आत्मनिर्भर और स्वस्थ जीवन की आधारशिला बन रही है।अब पहाड़ी कोरवा जनजाति के इस छोटे से गांव में भी बदलाव की बयार है, जहां हर घर में नल से बहता पानी, विकास की एक नई कहानी कह रहा है।







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