दुर्ग। महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार ठगड़ा बांध पुलिस लाइन के पारा स्थित उड़िया बस्ती (स्लम क्षेत्र) में शुक्रवार शाम नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर प्रभावी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन आईसीपीएस, आईसीडीएस तथा एनजीओ स्टार फाउंडेशन की संयुक्त टीम द्वारा किया गया। शाम 6 बजे खुले मंच पर प्रस्तुत इस नुक्कड़ नाटक में बस्तीवासियों को गुड-टच, बैड-टच की समझ, बाल विवाह की हानियां और नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। कोई बच्चा यदि श्रमिक के रूप में कार्यरत दिख रहा है या भीख मांगते हुए दिख रहा है या सड़क जैसी परिस्थितियों में मिले, ऐसे बच्चांे के लिए चौबीस घण्टे टोल फ्री नम्बर 1098 पर तुरन्त सूचित करने की अपील की गई।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 के लिए नामांकन शुरू
बच्चों की बहादुरी व असाधारण उपलब्धियों को मिलेगा राष्ट्रीय मंच
दुर्ग। भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास, मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वर्ष 2025 के लिए आवेदन ऑनलाईन पोर्टल https://awards.gov.in में 31 जुलाई 2025 तक लिए जाएंगे। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित कराने हेतु प्रतिवर्ष भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया जाता है। उक्त पुरस्कार हेतु जो बच्चे बहादुरी, खेल, सामाजिक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण के क्षेत्र में असाधारण पहचान हासिल की है तथा कला एवं संस्कृति और नवाचार जो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता के पात्र है।
पुरस्कार हेतु पात्रता आवेदक भारतीय नागरिक हो और भारत में निवास करता हो। आयु 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से कम (31 जुलाई 2025 को) होनी चाहिए। घटना या उपलब्धि आवेदन तिथि से अधिकतम दो वर्ष के भीतर होनी चाहिए। आवेदक ने पहले उसी श्रेणी में यह पुरस्कार न प्राप्त किया हो। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया नामांकन के लिए https://awards.gov.in पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। यह पोर्टल 31 जुलाई 2025 तक खुला रहेगा। बच्चे स्वयं या उनके माता-पिता, शिक्षक, बच्चे स्वयं या उनके माता-पिता, शिक्षक एवं अधिकारी भी उनका नामांकन कर सकते हैं।
दुर्ग। एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई-01 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत 06 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 07 आंगनबाड़ी सहायिकाओं। इसी प्रकार नगर पालिक निगम रिसाली अंतर्गत 02 आंगनबाड़ी सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु आवेदन एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई-01 कार्यालय (जुनवानी चिखली मुख्य मार्ग जुनवानी) में कार्यालयीन समय में सीधे अथवा पंजीकृत डाक द्वारा आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे। केन्द्रों में प्राप्त आवेदनों के मूल्यांकन पश्चात मूल्यांकन समिति द्वारा अनंतिम मूल्यांकन पत्रक का प्रकाशन किया गया है। मूल्यांकन पर समस्त आवेदिकाओं से दावा आपत्ति 29 मई तक एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई-01 में कार्यालयीन समय में प्रस्तुत किया जा सकता है।
दुर्ग। परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग-ग्रामीण के अंतर्गत आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पद पर भर्ती किया जाना है। आंगनबाड़ी सहायिका के लिए आवेदन 03 जून तक बाल विकास परियोजना कार्यालय दुर्ग-ग्रामीण में कार्यालयीन समय में अथवा पंजीकृत डॉक द्वारा जमा किया जा सकता है। निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परियोजना अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र सिरसा केन्द्र क्रमांक 01, ग्राम पंचायत सिरसा तथा नगपुरा केन्द्र क्रमांक 02 ग्राम पंचायत नगपुरा में आंगनबाड़ी सहायिका के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं।
दुर्ग। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में जिले में तम्बाकू एवं अन्य मादक पदार्थों के उपयोग के नियंत्रण एवं धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा स्वास्थ्य व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा कोटपा एक्ट 2003 के तहत् चालानी कार्यवाही की गई। विश्वदीप हायर सेकेण्डरी स्कूल पदमनाभपुर एवं हाउसिंग बोर्ड काम्प्लेक्स दुर्ग एवं बस स्टैंड दुर्ग के आसपास पान दुकानों पर तम्बाकू, सिगरेट की बिक्री पर चालानी कार्यवाही की गई। औषधि निरीक्षक खाद्य एवं औषधि प्रशासन से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यवाही अंतर्गत धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान प्रतिबंधित है। साथ ही कोटपा एक्ट की धारा 6 के तहत स्कूल के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है एवं 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को धूम्रपान एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते पाए जाने पर समझाइश देने के साथ-साथ नो स्मोकिंग व नाबालिग बच्चों द्वारा तम्बाकू उत्पादों पर खरीदी ब्रिकी पर प्रतिबंध का बोर्ड लगाते हुए कुल 26 चालानी कार्यवाही की गई, जिसमें कुल 4310 रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया।
दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु खदान क्षेत्रों में तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करें
खतरनाक स्थलों पर नहीं करेंगे सुरक्षा तो खर्चे एवं मुआवजे की होगी वसूली
दुर्ग। जिले में पूर्व में संचालित रही लेकिन अब परित्यक्त खदानों तथा वर्तमान में चालू खदानों में सुरक्षा व्यवस्था के अभाव के चलते आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं समाचार माध्यमों के माध्यम से लगातार ऐसी शिकायतें जिला प्रशासन को प्राप्त हो रही हैं। खदानों में पानी भर जाने से बड़े-बड़े गहरे तालाब बन जाते हैं, जिनमें लोगों एवं मवेशियों के डूबने से मृत्यु की घटनाएं भी हो जाती है। जिला प्रशासन द्वारा ऐसी दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों के परिजनों को आपदा राहत अंतर्गत आरबीसी-6-4 के तहत मुआवजा राशि दी जाती है।
इसके अलावा कई खदान क्षेत्रों में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका भी बनी रहती है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने खनन कार्य संचालित करने वाले सभी पट्टेदारों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिसमें खदानों में समुचित सुरक्षा व्यवस्था हेतु खदानों के चारों तरफ फेसिंग/बाड़ निर्माण करें ताकि कोई भी व्यक्ति या पशु दुर्घटनाग्रस्त न हो सके। उत्खनन पट्टा अनुबंध की शर्तों के अनुसार पट्टेदार समस्त गड्ढों तथा खदानों को अच्छी तरह से तथा पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखेगा।

दुर्ग। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा के नेतृत्व में 18 मई को सर्किट हाउस दुर्ग में बाल अधिकारों की सुरक्षा एवं संवर्धन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
बाल कल्याण के लिए ‘फ्रेंडली रेस्क्यू’ और पुनर्वास पर जोर
रेस्क्यू के दौरान बाल श्रमिक बच्चों से मित्रवत व्यवहार रखने और उनकी पारिवारिक स्थिति को समझते हुए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया गया। साथ ही बाल श्रमिकों के पुनर्वास के साथ-साथ उनके परिवारों को स्थायी रूप से आजीविका योजनाओं से जोड़ने की बात कही गई। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि सभी शासकीय संस्थाओं में पेयजल, बिजली, शौचालय और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। सामाजिक संगठनों के सहयोग से “हाइजीन पर हल्ला बोल” जैसे जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने को कहा।
नशा मुक्ति और किशोर न्याय पर गंभीर चर्चा
बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना पर विचार किया गया। साथ ही दुर्ग जिले में किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) के अंतर्गत लंबित 198 प्रकरणों की समीक्षा की गई। पुलगांव स्थित बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण भी किया गया, जहाँ बच्चों के साथ संवाद कर उनकी आवश्यकताओं की जानकारी ली गई और सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया।