बिज़नेस

GST राहत पर रुपये की मार, रोजमर्रा की चीज़ों के दाम होंगे बढ़े हुए: फोन से लिपस्टिक तक

नईदिल्ली 
 आजकल रुपया जिस रफ्तार से गिर रहा है, उसने आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने ही वाला है. असर सीधा उन चीज़ों पर पड़ने वाला है, जिन्हें आप और हम रोज़मर्रा में इस्तेमाल करते हैं, जैसे मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप, एसी, फ्रिज, मेकअप और यहां तक कि गाड़ियां भी. हाल ही में सरकार ने जीएसटी कम किया था, जिससे ग्राहकों को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन रुपये की यह गिरावट से वह भी कम होती दिख रही है.

रुपये की कमजोरी सबसे ज्यादा उन कंपनियों को दिक्कत दे रही है, जो अपने प्रोडक्ट्स के पुर्ज़े या पूरा प्रोडक्ट विदेश से मंगाती हैं. पिछले कुछ महीनों से कच्चे माल की लागत बढ़ रही थी, फिर भी कंपनियां दाम बढ़ाने से हिचक रही थीं, क्योंकि जीएसटी घटने के बाद सरकार का रुख सख्त था. लेकिन अब जब डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर हो गया है, तो कंपनियां इस नुकसान को और ज़्यादा झेल नहीं पा रही हैं.

इकॉनमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी और बड़े घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने साफ़ कर दिया है कि दिसंबर से जनवरी के बीच वे कीमतों में 3 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगी. इसका कारण मेमोरी चिप, कॉपर और दूसरे जरूरी हिस्सों के दाम काफी बढ़ जाना बताया जा रहा है. कई चीज़ों की लागत का 30 से 70 प्रतिशत तक हिस्सा विदेशों पर निर्भर है, इसलिए रुपये की कमजोरी सीधे लागत को बढ़ा देती है.
GST का फायदा रुपये ने खाया

सुपर प्लास्ट्रोनिक्स (Super Plastronics) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने कहा, “GST में कटौती का जो फायदा मिला था, वह पूरा का पूरा रुपये की कमजोरी और पुर्जों की बढ़ी कीमतों से खत्म हो जाएगा.”

उन्होंने यह भी बताया कि मेमोरी चिप्स के दाम चार महीनों में छह गुना बढ़ गए हैं. उनके अनुसार, “हमें डर है कि जीएसटी कटौती से जो मांग बढ़ी थी, वह फिर से कमजोर पड़ सकती है.”

कंपनियां पहले रुपये को 85–86 रुपये प्रति डॉलर के बीच मानकर अपनी प्लानिंग बना रही थीं, लेकिन सीधा 90 रुपये का स्तर पार कर जाने से स्थिति बिगड़ गई है. हैवल्स (Havells) ने LED टीवी पर लगभग 3 फीसदी, सुपर प्लास्ट्रोनिक्स ने 7–10 फीसदी, और गोदरेज एप्लायंसेज़ ने एसी और फ्रिज पर 5–7 फीसदी बढ़ोतरी का संकेत दिया है. कंपनियों ने सरकार को निजी तौर पर यह भी बताया है कि लगातार बढ़ती लागत को अब वे खुद से झेलना संभव नहीं है.
ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी प्रभावित

रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद सौंदर्य उत्पादों का क्षेत्र भी प्रभावित होगा. शिसेडो (Shiseido), मैक (MAC), बॉबी ब्राउन (Bobbi Brown), क्लीनिक (Clinique) और द बॉडी शॉप (The Body Shop) जैसे विदेशी ब्रांडों के उत्पाद पहले से ही महंगे थे, और अब रुपये की कमजोरी इन्हें और अधिक महंगा बना देगी. शॉपर्स स्टॉप ब्यूटी (Shoppers Stop Beauty) के मुख्य अधिकारी बीजू कासिम ने कहा कि कमजोर रुपया हमारे विदेश से मंगाए जाने वाले सौंदर्य उत्पादों की लागत बढ़ा देता है. इसलिए कुछ महंगे आयातित उत्पादों में कीमत बढ़ाना आखिरकार आवश्यक हो ही जाता है.

वाहन सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है. हाल ही में दोपहिया और छोटी कारों पर जीएसटी घटा था, जिससे बिक्री में अक्टूबर में 17 फीसदी और नवंबर में 19 फीसदी उछाल आया. लेकिन रुपये की गिरावट इस गति को फिर से रोक सकती है.

Mercedes-Benz India के प्रमुख संतोष अय्यर ने कहा, “लग्जरी वाहनों की कीमतें आगे बढ़ेंगी… हम 26 जनवरी से कीमतों में बदलाव पर विचार कर रहे हैं.” ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों का कहना है कि रुपये की गिरावट का सीधा और पूरा असर लागत पर पड़ता है… हालांकि कंपनी अभी बढ़ोतरी का स्तर तय नहीं कर पाई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *