भारतीय संस्कृति में वृद्धजनों का महत्व और उनकी भूमिका
नटवरलाल ताम्रकार का नैतिक और सामाजिक संदेश
सम्मान समारोह का उद्देश्य: नई पीढ़ी को प्रेरणा देना
नंदिनी-अहिवारा, दुर्ग। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नटवरलाल ताम्रकार ने अपने जन्मदिवस (21 दिसंबर 2024) के अवसर पर वृद्धजन सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम वार्ड क्रमांक 3 के मंगल भवन में आयोजित होगा। इस विशेष अवसर पर अहिवारा विधानसभा के लोकप्रिय विधायक डोमनलाल कोसेवाड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
वृद्धजनों के प्रति सम्मान पर नटवरलाल ताम्रकार के विचार:
- भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों का महत्व:
- भारतीय परंपरा में हमेशा से ही बड़ों के आदर और सम्मान की मान्यता रही है।
- ऐसे घर जहां बुजुर्गों का सम्मान होता है, वे तीर्थस्थल के समान पवित्र माने जाते हैं।
- वृद्धजन वटवृक्ष के समान:
- बुजुर्गों को वटवृक्ष की तरह माना जाता है, जिनकी छाया में परिवार सुरक्षित रहता है।
- उनके अनुभव और मार्गदर्शन जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहायक होते हैं।
- नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी:
- बुजुर्गों का सम्मान केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है।
- वे हमें प्रेरणा, संबल, और कठिन समय में सही दिशा दिखाने का कार्य करते हैं।
- पीढ़ियों के लिए प्रेरणा:
- वृद्धजन अपने अनुभवों से नई पीढ़ियों को सिखाते और उनका मार्गदर्शन करते हैं।
- उनसे प्रेरणा लेकर, विषम परिस्थितियों का सामना करने में हिम्मत मिलती है।
- सम्मान का महत्व:
- शिक्षा और ज्ञान का उपयोग वृद्धजनों के सम्मान में करना चाहिए।
- उनके प्रति हृदय में सदैव आदर और सम्मान का भाव रखना चाहिए।
इस आयोजन का उद्देश्य समाज में बुजुर्गों के महत्व को उजागर करना और उनके प्रति आदर-सम्मान का संदेश देना है।
नटवरलाल ताम्रकार ने इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक और नैतिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है, जो समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित करेगा।