जिले में 2,67,268.28 में. टन धान खरीदी
उपार्जन केंद्रों से धान का तेजी से उठाव होने से किसानों के खिले चेहरे
20,676 में. टन धान का हो चुका है उठाव
दुर्ग। शासन की धान खरीदी नीतियों के अनुरूप सुसंगत ढंग से जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। विष्णु के सुशासन में किसानों के हित में लिए गए निर्णय से किसानों के चेहरे खिल उठे है। उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव तेजी से होने लगा है। विष्णु सरकार द्वारा लिए गए फैसले से राईस मिलर्स लौट आए है। ट्रांसपोटर्स भी धान का उठाव कर रहे है। अब तक 119 मिलर्स पंजीयन करा चुके है। 82,753 में. टन धान के उठाव के लिए डीओ/टीओ जारी किया जा चुका है। बफर लिमिट केंद्रों में उठाव की वजह से अब धान की मात्रा कम होने लगी है। अब किसानों को धान की बिक्री में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। उपार्जन केंद्रों में धान की ढ़ेरी लगाने पर्याप्त जगह मिलने लगी है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले के 87 सहकारी समितियों के 102 उपार्जन केन्द्रों पर धान खरीदी चल रही है। जिले के पंजीकृत 1,14,778 किसानों में से अब तक 57,239 किसानों से 2,67,268.28 में. टन धान खरीदी की गई है। उपार्जन केन्द्रों में धान के उठाव तेजी आई है। 20,676.00 में. टन धान का उठाव किया जा चुका है।
रिसामा धान उपार्जन केंद्र में चिरपोटी ग्राम पंचायत के किसान श्री दौलत साहू ने चर्चा के दौरान बताया कि उन्होंने 20 क्विंटल धान बेचा है। बिक्री के 72 घंटे के भीतर उन्हें राशि का भुगतान किया गया। कृषक श्री साहू ने बताया ’’मेरे दो बच्चे हैं। बेटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है और दूसरा बेटा पढ़ाई समाप्त कर खेती किसानी में हाथ बटा रहा है। धान बेचने से प्राप्त राशि बेटी की पढ़ाई में लगाऊंगा और कुछ राशि से घरेलू खर्च निकलेगा।’’ कृषक रोशन लाल साहू ने बताया कि उन्होंने 65 क्विंटल धान बेचा है और प्राप्त राशि से माल वाहक गाड़ियों की मजदूरी दी और कुछ पैसे घर खर्च में लगाए है। समिति प्रबंधक ने बताया कि अब तक 645 किसानों ने कुल 24,444 क्विंटल धान बेच चुके है। 6660 क्वि. धान का उठाव मिलरों द्वारा किया जा चुका है। समिति में किसानों के लिए सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है।
दुर्ग। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्राम पंचायत मचान्दुर की निवासी श्रीमती त्रिवेणी बाई की कहानी संघर्ष और सफलता की मिशाल है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने त्रिवेणी बाई जैसे परिवारों को न केवल एक घर दिया है, बल्कि उनके जीवन में सुरक्षा, सम्मान और स्थिरता भी प्रदान की है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण साबित हो रही है। त्रिवेणी बाई का परिवार बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। पति के विकलांग होने के कारण परिवार पर आर्थिक बोझ और भी बढ़ गया था। त्रिवेणी बाई ने बताया कि जीवन यापन के लिए मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी और घर जुटाने के लिए संघर्ष करती थी। घर कच्चा और जर्जर होने के कारण बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने से हर समय डर लगा रहता था कि घर गिर ना जाए, किंतु हमारे मुखिया मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हम गरीबों का ध्यान रखा और हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए मदद मिलने से हमारी जिंदगी में रोशनी आ गई। इस योजना की सहायता से हमने एक पक्का और सुरक्षित घर बनाया। अब हम बेफिक्र होकर रहते हैं। मेरा परिवार सुरक्षित महसूस करता है, और हमारे बच्चों को भी बेहतर माहौल मिल रहा है। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं सरकार की बहुत आभारी हूं, जिन्होंने हमारे जैसे गरीब और जरूरतमंद लोगों के बारे में सोचा और हमें एक नई शुरुआत करने का मौका दिया। अब हमें भरोसा है कि हमारा भविष्य बेहतर होगा।
जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत पथरिया में खेलावन साहू के घर से सोसायटी तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रूपए, ग्राम पंचायत डोमा में दुर्गा मंच से दुखवा के घर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 4 लाख 99 हजार 924 रूपए, ग्राम पंचायत टेकापारा में बल्लू पटेल के घर से पानी टंकी मेन रोड तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रूपए, ग्राम पंचायत गाड़ाघाट में आदिवासी गोड़ पारा में सीसी रोड निर्माण एवं मेन रोड से स्कूल तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रूपए, ग्राम पंचायत पुरदा में पूर्व माध्यमिक शाला में अतिरिक्त कक्ष के लिए 5 लाख रूपए, ग्राम सिलतरा ग्राम पंचायत फुंडा में भागवत साहू के घर से शीतला तालाब तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रूपए, ग्राम पंचायत बिरेझर रिखी सिन्हा के घर से खिलन वर्मा के घर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार सहायक कलेक्टर को सौंपा गया प्रभार
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले में पदस्थ वर्ष 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी श्री एम. भार्गव (भा.प्र.से.) सहायक कलेक्टर दुर्ग को जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अभ्यास हेतु 23 दिसंबर 2024 से 29 दिसंबर 2024 तक एक सप्ताह की अवधि के लिए कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला दुर्ग के साथ संलग्न किया गया है। इस दौरान प्रशिक्षण अवधि में पुलिस अधीक्षक जिला दुर्ग के द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
नवीनीकरण के साथ बनाये जा रहे हैं श्रमिक पंजीयन कार्ड
दुर्ग। छत्तीसगढ़ सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक वर्ग को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लाभान्वित करने नये पंजीयन कार्ड बनाने के साथ नवीनीकरण भी किये जा रहे हैं। जिले में निर्माण स्थल, औद्योगिक क्षेत्र तथा श्रमिक बस्ती एवं ग्राम पंचायतों में श्रम शिविर/मोबाईल कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। विगत दिवस जिले के विभिन्न स्थानों में 07 पंजीयन शिविरों के माध्यम से 94 श्रमिक पंजीयन तथा 23 श्रमिक कार्ड नवीनीकरण किया गया है। इसी प्रकार दुर्ग नगर के श्रमिक बस्ती उरला, बाम्बे आवास में भी श्रमिक पंजीयन शिविर आयोजित कर 66 श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी दी गई और 30 श्रमिकों का श्रमिक पंजीयन कार्ड वार्ड के स्थानीय जनप्रतिनिधि केे माध्यम से श्रमिकों को वितरित किया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित दुर्ग से मिली जानकारी अनुसार कथिपय हितग्राहियों द्वारा मासिक किश्त की बकाया राशि जमा करने में रूचि नही ले रहे है। जिससे ऋण कलाकित को गये है। ऐसे डिफाल्टर हितग्राहियों की सूची संबंधित एसडीएम को ऋण वसूली में सहयोग हेतु भेजी गई है। आसन्न नगर निगम/त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के बकायादारों से चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के समय अंत्यावसायी कार्यालय द्वारा जारी ऋण मुक्त (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करने के पश्चात् ही नामांकन दाखिल कराये जाएंगे ताकि डिफाल्टर हितग्राहियों से ऋण वसूली की जा सकें।
01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाया जाना अनिवार्य
दुर्ग। एचएसआरपी के संबंध में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहन पर उच्च सुरक्षा पंजीयन चिन्ह (एचएसआरपी) लगाना अनिवार्य किया गया है, जिसका क्रियान्वयन करते हुए इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। जिला परिवहन अधिकारी श्री एस.एल. लकरा ने बताया कि वाहन स्वामी विभागीय वेबसाइट cgtransport.gov.in के माध्यम से सीधे आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा दो विक्रेताओं मेसर्स रियल मैजोन इंडिया लिमिटेड एवं मेसर्स रोजमेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को निर्धारित दर पर एचएसआरपी लगाने हेतु अधिकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त परिवहन कार्यालयों को जोन के अनुसार वर्गीकृत किया गया है, जहां उच्च सुरक्षा पंजीयन चिन्ह लगाने की प्रक्रिया की जाएगी। यह काम निर्धारित दर अनुसार मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण प्लेट लगाने की कार्यवाही का भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे। आटोमोबाईल डीलरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीसरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु एक सौ रूपए अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जाएगा। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरक्त राशि देय होगा ।