मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भाजपा के मना करने के बावजूद अजित पवार ने अपने नेतृत्व वाली राकांपा से जिन नवाब मलिक को टिकट दिया है उन्होंने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मालिक ने कहा है कि वे चुनाव के दौरान महायुति गठबंधन का झंडा नहीं थामेंगे बल्कि  राकांपा का झंडा उठाएंगे। मालिक ने यह भी कहा कि उनके महाविकास अघाड़ी से मधुर सम्बन्ध हैं।  नवाब मलिक फिलहाल प्रिवेंशन ऑफ मनी-लॉन्ड्रिंग एक्ट  में मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर हैं।

भाजपा नहीं चाहती थी कि नवाब मलिक को टिकट दिया जाए

दरअसल, ऐसी चर्चाएं थीं कि भाजपा नहीं चाहती थी कि नवाब मलिक को टिकट दिया जाए। उनके हालिया बयानों और उनकी इमेज की वजह से भाजपा ने ये फैसला किया था। इसके लिए अजित पवार पर प्रेशर भी बनाया गया था। टिकट को लेकर अजित पवार काफी समय तक चुप रहे। आखिरकार उन्होंने नवाब मलिक को मानखुर्द विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया। नामांकन के आखिरी दिन नामांकन दाखिल करने के बाद नवाब मलिक ने कहा, मैंने निर्दलीय और राकांपा के पर्चे पर नाम दाखिल किया है। राकांपा का पर्चा वापस होता है, तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।

नवाब मलिक अजित पवार के करीबी

नवाब मलिक अजित पवार के करीबी रहे हैं। उनकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब मलिक जेल से जमानत पर बाहर आए, तो अजित पवार और शरद पवार दोनों गुट उन्हें अपने पाले में शामिल करने को आतुर दिखे। तब छगन भुजबल और अजित पवार नवाब मलिक के घर पहुंचे थे। जबकि शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख भी उनसे मिलने गए थे। हालांकि, नवाब मलिक ने अजित पवार का साथ चुना।







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