नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार (21 दिसंबर) को ED के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने दिल्ली शराब नीति केस में ED के समन का जवाब भेजा है। इसमें उन्होंने बताया कि वे विपश्यना मेडिटेशन कोर्स के लिए गए हैं।
केजरीवाल ने ED से कहा- इस बार का समन पिछली बार की तरह गैरकानूनी है। यह राजनीति से प्रेरित है। मैंने ईमानदारी और पारदर्शिता से अपना जीवन जिया है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए समन वापस लिया जाए।
ED ने अरविंद केजरीवाल को 19 दिसंबर को समन भेजा था। हालांकि, केजरीवाल ED की पूछताछ से एक दिन पहले यानी 20 दिसंबर को 10 दिन की छुट्टी लेकर विपश्यना केंद्र चले गए।
लगातार दूसरी बार ED के सामने पेश नहीं होंगे केजरीवाल
यह लगातार दूसरी बार है जब केजरीवाल समन किए जाने के बाद एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले एजेंसी ने उन्हें 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए। उन्होंने लेटर भेजकर एजेंसी से पूछा था- मैं संदिग्ध हूं या गवाह। इसके बाद 19 दिसंबर को ED ने उन्हें दोबारा समन भेजा था।
केजरीवाल पेश नहीं हुए तो क्या होगा
अब ED केजरीवाल को तीसरा नोटिस जारी कर फिर समन भेज सकती है। ED तक तक समन जारी कर सकती है, जब तक केजरीवाल सवाल-जवाब के लिए हाजिर नहीं हो जाते।
अगर कई नोटिस जारी करने के बाद केजरीवाल एजेंसी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ED कोर्ट में एक आवेदन जमा कर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग कर सकती है।
इसके अलावा केस की जांच के लिए अधिकारी उनके घर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। एजेंसी ठोस सबूत मिलने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।