काम बंद और कलम बंद हड़ताल का आह्वान, सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति
मुख्यमंत्री फंड के लिए प्रदर्शनकारियों ने किया चंदा इकट्ठा, सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त
सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की एकजुटता, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
दुर्ग नगर निगम के कर्मचारियों की रैली और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर समर्थन
सरकार की अनदेखी पर राज्यव्यापी हड़ताल की योजना, सभी विभागों ने दी चेतावनी
दुर्ग। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में शुक्रवार को दुर्ग के हिंदी भवन के सामने एक बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में राज्य भर के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए, जिन्होंने काम बंद और कलम बंद हड़ताल का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया और नारेबाजी की।
मुख्यमंत्री फंड के लिए चंदा इकट्ठा
इस धरना प्रदर्शन का एक अनोखा पहलू यह था कि कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री फंड के लिए चंदा इकट्ठा किया। इस कदम के माध्यम से कर्मचारियों ने राज्य सरकार की ओर से अपनी मांगों की अनदेखी पर रोष प्रकट किया। उन्होंने यह संकेत दिया कि अगर सरकार उनके हितों की रक्षा करने में विफल रहती है, तो वे इस तरह के प्रतीकात्मक कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
दुर्ग नगर निगम का समर्थन
दुर्ग नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने भी अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए नगर निगम से रैली निकाली और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने फेडरेशन के धरना प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की।
सभी विभागों का एकजुट प्रदर्शन
इस एक दिवसीय प्रदर्शन में राज्य के विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए, जिनमें महिला बाल विकास, नगर पालिका, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी थे। सभी ने मिलकर काम बंद और कलम बंद आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो राज्यव्यापी हड़ताल और आंदोलन की शुरुआत होगी।
प्रदेशव्यापी आंदोलन की तैयारी
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो पूरे राज्य में काम बंद और कलम बंद हड़ताल का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, कार्यभारित, दैनिक वेतनभोगी, और श्रमिक संगठन शामिल होंगे। संगठन ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती।
यह प्रदर्शन सरकार के खिलाफ कर्मचारियों के असंतोष और उनकी न्यायसंगत मांगों को लेकर हो रहे संघर्ष का प्रतीक है।