22 मरीजों में मोतियाबिंद की पुष्टि, दुर्ग में होंगे ऑपरेशन
नेत्र सहायक वी. एस. राव द्वारा सटीक पहचान और तैयारी

रेटिना जांच में 52 लोगों को मिली विशेष सलाह
संतोष सोनवानी ने किया रेटिनोपैथी का विस्तृत परीक्षण

शिविर को सफल बनाने में चिकित्सा टीम और स्थानीय सहयोगियों की अहम भूमिका
डॉ. उर्वी साहू, वेंकटेश साहू और स्वास्थ्य कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान

ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र स्वास्थ्य सेवा की पहुँच और जागरूकता को मिला बल
निशुल्क जांच, प्रारंभिक पहचान और उपचार की पहल

       कोड़ियाँ, जिला दुर्ग। कोड़ियाँ ग्राम में आयुष्मान आरोग्य मंदिर के तत्वावधान में डायबिटिक रेटिनोपैथी जाँच शिविर का सफल आयोजन किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर में कुल 102 मरीजों की जाँच की गई, जिनमें 22 मरीजों में मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) की पुष्टि हुई। इन मरीजों को दुर्ग में ऑपरेशन हेतु भर्ती किया जाएगा।

शिविर की प्रमुख गतिविधियाँ

  • नेत्र परीक्षण:
           वरिष्ठ नेत्र सहायक अधिकारी वी. एस. राव ने मोतियाबिंद से ग्रसित मरीजों की पहचान कर उन्हें ऑपरेशन के लिए तैयार किया।

  • रेटिना जांच:
           संतोष सोनवानी द्वारा 52 मरीजों के रेटिना की विस्तृत जांच की गई। मरीजों को उनके नेत्र स्वास्थ्य, विशेष रूप से डायबिटिक रेटिनोपैथी के खतरों के बारे में जागरूक किया गया और आगे की जाँच व इलाज की सलाह दी गई।

शिविर का मार्गदर्शन व सहयोग

       इस शिविर का संचालन डॉ. उर्वी साहू, डॉ. डी. पी. ठाकुर, डॉ. विभोर लाल और श्री वी. एस. राव के मार्गदर्शन में हुआ।

       श्रीमती वेंकटेश साहू (सीएचओ) के विशेष सहयोग से यह आयोजन सफल हो सका।

       इसके अतिरिक्त एएनएम उषा सोनी, ममता देशमुख और मिटानी ने भी आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।

शिविर के उद्देश्य

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रति जागरूकता फैलाना

  • समय पर जाँच और उपचार सुनिश्चित करना

  • ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाना

शिविर का महत्व

  • ग्रामीण नागरिकों को निशुल्क नेत्र जाँच व सलाह प्रदान करना

  • गंभीर नेत्र रोगों की प्रारंभिक पहचान और उपचार की पहल

    • स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनजागरूकता को बढ़ावा देना

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