मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत स्कूलों की ग्रेडिंग, पालक-शिक्षक संवाद और कक्षा पद्धति में सुधार

कलाकारों और साहित्यकारों को राहत: पेंशन ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000, 162 हितग्राहियों को लाभ

औद्योगिक भूमि आवंटन प्रक्रिया होगी और अधिक पारदर्शी, निवेशकों के लिए आसान नियम

नई औद्योगिक नीति 2024-30 में स्थानीय रोजगार, टेक्सटाइल, पर्यटन और हाइटेक खेती को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

       रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्यहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, कलाकारों को पेंशन वृद्धि, औद्योगिक नीति संशोधन और रोजगार सृजन पर विशेष फोकस रहा। जानिए बैठक के प्रमुख निर्णय:

1. मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू होगा

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा। इसके तहत:

  • स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण और ग्रेडिंग की जाएगी।

  • पालक-शिक्षक बैठकें (PTM) नियमित कर अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।

  • कमजोर स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी।

  • शिक्षकों को मॉडल स्कूलों का भ्रमण कराया जाएगा।

  • कक्षा शिक्षण पद्धतियों में सुधार लाया जाएगा।

2. कलाकारों की पेंशन में बढ़ोतरी

       राज्य के जरूरतमंद कलाकारों और साहित्यकारों को राहत देते हुए:

  • मासिक पेंशन ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000 की गई।

  • इससे राज्य पर वार्षिक ₹58.32 लाख का अतिरिक्त भार आएगा।

  • इस योजना से 162 कलाकारों को मिलेगा लाभ।

3. औद्योगिक भूमि आवंटन नियमों में संशोधन

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन।

  • भूमि आवंटन प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सरल होगी।

  • निवेशकों को सुलभ और स्पष्ट प्रक्रियाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

4. औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में बदलाव

राज्य की औद्योगिक नीति को रोजगारपरक और समावेशी बनाने के लिए किए गए अहम संशोधन:

  • स्थानीय युवाओं को नौकरी देने वाली कंपनियों को अनुदान।

  • हाइटेक खेती (हाइड्रोपोनिक, एयरोपोनिक) को बढ़ावा।

  • खेल अकादमी और निजी ट्रेनिंग सेंटरों को प्रोत्साहन।

  • गुणवत्ता युक्त निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा।

  • टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश पर 200% तक प्रोत्साहन

  • बस्तर व सरगुजा में होटल-पर्यटन निवेश की न्यूनतम सीमा में छूट।

  • मल्टीप्लेक्स युक्त मिनी मॉल और सीबीएसई स्कूलों को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया गया।

  • दिव्यांगजनों को अधिक योजनाओं का लाभ देने हेतु नई परिभाषा।

  • लॉजिस्टिक नीति और प्लग एंड प्ले फैक्ट्री को मिलेगा समर्थन।

सारांश

       राज्य सरकार के इन फैसलों से स्पष्ट है कि शिक्षा, संस्कृति, रोजगार और निवेश पर केंद्रित योजनाएं अब गति पकड़ रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों से छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास को नई दिशा मिल सकती है।

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