सी वी रमन यूनिवर्सिटी के बीएड विद्यार्थियों ने किया अशोका स्कूल का शैक्षणिक भ्रमण, नवाचारी शिक्षण प्रणाली का लिया अनुभव
शहर के प्रतिष्ठित अशोका पब्लिक स्कूल में सी वी रमन की यूनिवर्सिटी के बीएड डिपार्टमेंट के स्टाफ व विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण हेतु पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल की अभिनव शिक्षण पद्धतियों और अत्याधुनिक कैंपस का अवलोकन किया एवं उसकी सराहना की। स्कूल के संचालक, प्राचार्य एवं स्टाफ ने दल का स्वागत किया और उन्हें बताया कि हमारे स्कूल मे शिक्षा केवल जानकारी प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समझ, कल्पना, और आत्मनिर्भरता विकसित करने का एक सशक्त साधन है। अशोका पब्लिक स्कूल में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप, बच्चों को पारंपरिक रटने की प्रणाली से हटाकर व्यावहारिक और अवधारणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ परीक्षा में अच्छे अंक दिलाना नहीं, बल्कि बच्चों में स्वतंत्र सोच, आत्मविश्वास और विभिन्न कौशल विकसित करना है। हमारी यह अभिनव शिक्षण पद्धति बच्चों को बौद्धिक रूप से सक्षम, आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और नैतिक रूप से मजबूत बनाती है। यहाँ शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि समग्र विकास (हॉलिस्टिक डेवलपमेंट) पर आधारित है। हमारी अभिनव शिक्षा पद्धति के अंतर्गत बच्चों में रीडिंग, राइटिंग, ट्रांसलेशन, इमैजिनेशन, एक्सप्लेनेशन जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने पर विशेष रूप से जोर दिया जाता है, जिससे वे स्वयं से अपना सिलेबस समझने और पूरा करने में सक्षम बनते हैं। दल ने देखा कि यहां बच्चे न केवल उत्तर लिखना सीखते हैं, बल्कि अपने प्रश्न भी स्वयं बनाते हैं और उनके उत्तर खोजते हैं। इससे उनकी गहन समझ, आलोचनात्मक सोच (क्रिटिकल थिंकिंग) और समस्या समाधान (प्रॉब्लम सॉल्विंग) की क्षमताएं विकसित होती हैं। अशोका स्कूल में कंपीटिशन की जगह कोऑपरेशन को बढ़ावा दिया जाता है। प्राचार्य ने बताया, “हम बच्चों को सहयोग की भावना से सीखने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे वे बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दे सकें। बीएड के छात्रों ने स्कूल की व्यावहारिक शिक्षण शैली को अनुभव किया – न केवल कक्षा में, बल्कि पूरे कैंपस में। स्कूल के कॉरिडोर में रोड मार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल, जेब्रा क्रॉसिंग जैसी व्यवस्थाएं बच्चों को ट्रैफिक नियमों का पालन सिखाने के लिए बनाई गई हैं।
इसके अलावा, उन्होंने स्कूल के संसद मॉडल (स्कूल पार्लियामेंट) को देखा, जिसमें हर कक्षा को एक राज्य घोषित किया गया है और बच्चे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, जज, कलेक्टर और एसपी की भूमिका निभाते हैं। बीएड छात्रों और स्टाफ ने कहा कि यदि बच्चों में इस तरह की नागरिक जिम्मेदारियों की समझ प्रारंभ से ही विकसित की जाए, तो वे एक समझदार और जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।
अंत में, दल ने कंप्यूटर लैब, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी लैब सहित बच्चों द्वारा निर्मित क्राफ्ट और गैजेट्स का भी अवलोकन किया, जिसने सभी को अत्यंत प्रभावित किया।