एडीएम व एसडीएम ने लिया सुशासन शिविर का जायजा, समाधान पेटी से मिल रहीं शिकायतों की समीक्षा की

       दुर्ग। जिले में सुशासन तिहार 2025 के प्रथम चरण का शुभारंभ हो चुका है, जिसका उद्देश्य शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना और लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है। इस अभियान के तहत आज दुर्ग संभाग के आयुक्त श्री एस. एन. राठौर ने ग्राम पंचायत कचांदूर (विकासखंड दुर्ग) का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान श्री राठौर ने ग्रामवासियों एवं पंचायत पदाधिकारियों से चर्चा कर ग्रामीणों की मांगों और समस्याओं की जानकारी ली और उन्हें शासन की जनकल्याणकारी एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी। इसी क्रम में एडीएम श्री अरविन्द कुमार एक्का एवं एसडीएम दुर्ग श्री हरवंश सिंह मिरी ने भी विभिन्न ग्राम पंचायतों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने समाधान पेटी के माध्यम से प्राप्त हो रहे जनशिकायतों और सुझावों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि इन आवेदनों का तत्काल परीक्षण और समाधान किया जा रहा है ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

 

 

सुशासन दिवस का हुआ आगाज: पहले दिन 5205 आवेदन प्राप्त

सबसे अधिक आवेदन जनपद पंचायतों से प्राप्त हुए

       दुर्ग। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशा के अनुरूप कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में सुशासन तिहार का जिले में शुभारंभ मंगलवार 08 अप्रैल से किया गया। सुशासन तिहार समस्याओं का समाधान है। प्रथम चरण 08 से 11 अप्रैल तक आम जनता से समस्या संबंधी आवेदन लिए जाएंगे। द्वितीय चरण में आवेदनों का निराकरण एवं तृतीय चरण 05 से 31 मई 2025 समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। सुशासन तिहार को लेकर ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के लोगों में काफी उत्साह देखा गया। सुशासन तिहार के प्रथम चरण के पहले दिन कुल 5205 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 5042 मांगे व 163 आवेदन शिकायत से संबंधित है। सबसे अधिक जनपद पंचायत दुर्ग में 1352 मांग के  आवेदन प्राप्त हुए। जनपद पंचायत पाटन में 2253 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 2244 मांग और 9 शिकायत, जनपद पंचायत धमधा में 580 आवेदन, जिसमें 567 मांग और 13 शिकायत के आवेदन प्राप्त हुए।

       सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत जिला कार्यालय में 11 जिसमें 10 मंाग एवं 01 शिकायत, नगर पालिक निगम दुर्ग में 124 जिसमें 107 मांग एवं 17 शिकायत, नगर पालिक निगम भिलाई में 159 जिसमें 116 मांग एवं 43 शिकायत, नगर पालिक निगम रिसाली में 83 जिसमें 75 मांग एवं 8 शिकायत, नगर पालिक निगम भिलाई-चरोदा में 81 जिसमें 56 मांग एवं शिकायत 25, नगर पालिक परिषद अहिवारा में 23 जिसमें 20 मांग एवं 03 शिकायत, नगर पालिक परिषद कुम्हारी में 29 जिसमें 24 एवं 05 शिकायत, नगर पालिक परिषद जामुल में 20 जिसमें 17 मांग एवं 03 शिकायत, नगर पंचायत धमधा में 12 जिसमें 8 मांग एवं 04 शिकायत, नगर पंचायत पाटन में 8 जिसमें 03 मांग एवं 05 शिकायत, नगर पंचायत उतई में 419 जिसमें 409 मांग एवं 10 शिकायत, नगर पंचायत अमलेश्वर में 20 जिसमें 16 मांग एवं 04 शिकायत के प्राप्त हुए। इसी प्रकार अनुविभागीय कार्यालय दुर्ग में 8 आवेदन प्राप्त हुए जो सभी शिकायत के हैं। पाटन में एक ही आवेदन प्राप्त हुए जो शिकायत के हैं। भिलाई 3 में 06 आवेदन प्राप्त हुए जो मांग हैं। तहसील कार्यालर्य दुर्ग में 2 आवेदन प्राप्त हुए दोनों मांग हैं, तहसील कार्यालय पाटन में एक ही आवेदन प्राप्त हुए जो शिकायत के हैं। भिलाई03 मंे 5 आवेदन जिसमें 2 मांग और 3 शिकायत के प्राप्त हुए।

 

 


गरीब बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए – कलेक्टर

आरटीई के तहत् पात्र बच्चों का स्कूलों में हो प्रवेश

कलेक्टर ने आरटीई के अंतर्गत नोडल अधिकारियों की ली बैठक

       दुर्ग। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने कहा है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। अधिनियम के तहत् गरीब बच्चों को शिक्षा हेतु उच्च निजी विद्यालयों में भी प्रवेश का अवसर मिलना चाहिए। कलेक्टर श्री सिंह आज लोक निर्माण विभाग के सभा कक्ष में आयोजित शिक्षा सत्र 2024-2025 एवं 2025-2026 में प्रवेश हेतु आरटीई के तहत नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक में उक्त बाते कही। कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों से निजी विद्यालयों में प्रवेश हेतु बच्चों के पात्रता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश हेतु उनके अभिभावकों को पात्रता के संबंध में भ्रमित करने के बजाय सही मार्गदर्शन प्रदान करें। पात्रता का परीक्षण कर यदि उसमें प्रमाण पत्र आदि की कमी हो तो सत्यापन कराकर सही बनवायें। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि नोडल अधिकारी प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर विशेष ध्यान देंगे। सत्यापन हेतु वे स्वयं आवेदक के घर जाकर पंचनामा तैयार करायें। आवेदक के पात्र घोषित होने के बाद किसी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। शिकायत की स्थिति में नोडल जिम्मेेदार होंगे। नियमानुसार नोडल के विरूद्ध कार्यवाही होगी। दिव्यांग बच्चों का शासकीय चिकित्सालय से जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र मान्य होगा। इसी प्रकार अंत्योदय कार्ड के संबंध में आवेदक के राशन कार्ड का नंबर भी लिया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि अभिभावक द्वारा आरटीई के अंतर्गत बच्चे के प्रवेश के लिए प्रस्तुत दस्तावेज में अलग अलग पते होने पर नोडल को संबंधित के घर में जाकर इसका सत्यापन करना होगा। उन्होंने आवेदक को एसएमएस से सूचित करने मोबाइल नंबर के अलावा आगामी वर्ष हेतु ओटीपी का प्रावधान संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजने डीईओ को निर्देशित किया।

       कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि नोडल आपस में समन्वय स्थापित कर डूप्लीकेट आवेदन प्राप्त होने पर आवेदक के घर जाकर इसका सत्यापन कार्य कर रिकार्ड बनाकर रखेंगे। आरटीई स्कूलों में प्रवेश हेतु जो आवेदक पहले से आवेदन कर चुके है एवं दस्तावेज अपडेट नहीं किए है, ऐसे आवेदकों को नोडल सूचना देकर डाक्यूमेंट के संबंध में अवगत कराए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि हार्ड कॉपी और ऑनलाईन आवेदन में अपडेट दस्तावेज अलग-अलग हो तो इसका भी सत्यापन करा ले। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी बच्चों के स्कूलों में प्रवेश हेतु लाटरी निकलने की अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए, 3 से 4 दिन पूर्व आवेदन परीक्षण की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आरटीई स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। पात्र सभी बच्चों के स्कूलों में प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बच्चों को भी प्रवेश दिलाया जाए। यदि उनके अभिभावक शासकीय सेवक हैं तो भी उन्हें प्रवेश से वंचित न किया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि विगत वर्ष प्रवेश के संबंध में यदि पालकों द्वारा गलत जानकारी दी गई हो नोडल के बताने पर ऐसे पालकों पर भी कार्यवाही की जाएगी।

       उन्होंने बेहतर ढ़ग से प्रवेश व्यवस्था सुनिश्चित करने की आशा के साथ सभी अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी। ज्ञात हो कि आरटीई के अंतर्गत स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 08 अप्रैल 2025 थी। इसके अंतर्गत जिले में कुल 10742 आवेदन प्राप्त हुए है। जिले में 77 प्रचार्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा 25 अप्रैल 2025 तक आवेदनों का सत्यापन किया जाएगा। राज्य स्तर से 01 एवं 02 मई को लाटरी पद्धति से स्कूल आबंटन किया जाएगा। सहायक संचालक एवं आरटीई प्रभारी श्री अमित घोष ने निःशुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत आवेदन एवं चयन प्रक्रिया के संबंध में पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविन्द मिश्रा ने नोडल अधिकारियों को आरटीई संबंधित आवेदनों के सत्यापन पर शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर सहायक संचालक शिक्षा श्रीमती सीमा नायक और सभी नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

सड़क सुरक्षा संबंधी विषयों पर बैठक 12 अप्रैल 25 को

       दुर्ग। सड़क सुरक्षा संबंधी विषयों पर 12 अप्रैल 2025 को प्रातः 11.30 बजे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सभा कक्ष मे बैठक आयोजन की गई है। सुप्रीम कोर्ट कमिटी ओं रोड सेफ्टी (पूर्व न्यायमूर्ति सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में संबंधित अधिकारियों को बैठक मे निर्धारित तिथि एवं समय पर सड़क सुरक्षा से संबंधित वर्तमान एवं प्रचलित कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी सहित अनिवार्य रुप से उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है।

 

 


मोहन नगर थाना क्षेत्र में घटित बालिका के अपहरण/हत्या का मामला

कलेक्टर द्वारा पीड़ित पक्ष को राहत पहुंचाने हेतु की गयी त्वरित कार्यवाही

दुर्ग पुलिस अधीक्षक व्दारा किया गया एसआईटी का गठन

       दुर्ग।  06 अप्रैल 2024 के प्रातः लगभग 08.00 बजे 06 वर्षीय बालिका जो ओम परिसर स्थित अपने घर से कन्या भोज हेतु अपनी बुआ के घर पड़ोस में गयी थी। प्रातः 10.00 बजे तक घर वापस नहीं आने पर बालिका के परिजन आसपास पता तलाश किये, पता नहीं चलने पर परिजनों व्दारा थाना मोहन नगर में सूचित किया गया, जिस पर थाना मोहन नगर में अप. क.-133/2025, धारा 137(2) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाकर अपहृता की पतासाजी की जा रही थी। संध्या लगभग 07.00 बजे प्रार्थी पड़ोस में खड़ी काले रंग की जेस्ट कार क्रमांक-सीजी-11/एएक्स/2219 के सीट के नीचे बालिका के पड़ी होने की सूचना मिलने पर पीड़िता को तत्काल शासकीय अस्पताल दुर्ग ले जाया गया, जहां डॉक्टर व्दारा चेक करने पर बालिका की मृत्यु होना बताया गया। उक्त अत्यधिक संवेदनशील घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री जितेन्द्र शुक्ला व्दारा आरोपी की तत्काल पतासाजी कर गिरफ्तारी हेतु विशेष टीम को नियुक्त किया गया। गठित टीम व्दारा घटनास्थल का निरीक्षण कर प्राप्त साक्ष्य के आधार पर संदिग्ध सोमेश यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर आरोपी सोमेश यादव व्दारा बताया गया कि वह बालिका को अपने मकान के उपर वाले कमरे में ले जाकर अनाचार किया और अपने आप को बचाने के लिए बालिका की हत्या कर खड़ी कार के सीट के नीचे डाल देना स्वीकार किया। आरोपी सोमेश यादव के विरूद्ध मामले में धारा 103 (1), 64 (2एफ), 65(2), 66, 238ए बीएनएस, पाक्सो एक्ट की धारा 06 जोड़ी जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। पुलिस अधीक्षक श्री शुक्ला व्दारा प्रकरण की गुणवत्तापरक एवं शीघ्र विवेचना कार्यवाही हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू श्रीमती प‌द्मश्री तंवर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। घटना को संज्ञान में लेकर कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने उप संचालक अभियोजन दुर्ग को मामले में पीड़ित पक्ष को तत्काल अंतरिम राहत राशि प्रदान किए जाने हेतु निर्देशित किया है। उप संचालक (अभियोजन) दुर्ग व्दारा इस संबंध में नियमानुसार प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने हेतु जिला पुलिस को सूचित किये जाने पर, थाना मोहन नगर से पीड़िता क्षतिपूर्ति योजना 2018 के तहत राहत राशि प्रदान किए जाने हेतु जिला विधिक सहायता प्राधिकरण, जिला न्यायालय दुर्ग के सचिव को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण से समन्वय कर पीड़ित पक्ष को तत्काल राहत राशि प्रदान करायी जाएगी।

 

 

 

 

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