माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई
शांति बहाली और नक्सल उन्मूलन के लक्ष्य की ओर बड़ा कदम
सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी, क्षेत्र में हाई अलर्ट
रायपुर। बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में 26 माओवादियों को मार गिराया, जिनमें 14 महिला और 12 पुरुष नक्सली शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में 1 DVCM, 5 ACM और 9 PLGA सदस्य शामिल हैं। अभियान में भारी मात्रा में AK-47, SLR, INSAS राइफल, रॉकेट लॉन्चर और IED बरामद किए गए। DRG जवान राजूराम ओयाम शहीद हुए। आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि 2025 में अब तक 97 नक्सली मारे गए हैं। सरकार ने माओवादियों से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।
बीजापुर मुठभेड़ का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन
- 14 महिला व 12 पुरुष माओवादियों समेत कुल 26 ढेर।
- अब तक 18 की पहचान हुई, 8 की पहचान जारी।
- पश्चिम बस्तर डिवीजन की Coy 2, Platoon no 13 व दरभा डिवीजन के माओवादी शामिल।
- भारी मात्रा में AK-47, SLR, INSAS, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, BGL लॉन्चर, IED, विस्फोटक, माओवादी साहित्य बरामद।
वीरगति को प्राप्त जवान
- DRG बीजापुर के आरक्षक राजूराम ओयाम शहीद।
- 21 मार्च को शहीद वाटिका में दी गई श्रद्धांजलि।
मुठभेड़ में मारे गए 18 की पहचान:
- 1 DVCM (8 लाख इनामी), 5 ACM (5 लाख इनामी), 3 PPCM, 9 PLGA सदस्य।
- शामिल नाम: सीतो कड़ती, सुकई हपका, कांती लेकाम, मधु कुंजाम, सुखराम ओयाम, कोसी पूनेम, वागा, बुधरू पूनेम, आयते हेमला, लच्छी पूनेम, जुगनी, सरिता, नंदा, जितेंद्र, मोटू पोड़ियामी, लखमा ओयाम, मंगू ओयाम।
बरामद हथियारों की सूची:
AK-47, स्नाइपर SLR, INSAS, .303 राइफल, 315 बोर, 12 बोर गन, BGL रॉकेट लॉन्चर।
IED, कारतूस, माओवादी वर्दी, रेडियो, मल्टीमीटर, मेडिकल किट, डेटोनेटर, बैटरियां, दवाइयां।
पुलिस का बयान:
- IG सुंदरराज पी.: “2025 में अब तक 97 हार्डकोर माओवादी ढेर, जिनमें से बीजापुर में 82।
- SP जितेंद्र कुमार यादव: “माओवादियों के प्रभाव में कमी, विकास योजनाएं तेज।”
- DIG कमलोचन कश्यप: “आंतरिक कलह से माओवादी कमजोर, आत्मसमर्पण ही आखिरी विकल्प।”
सुरक्षा बलों का संयुक्त ऑपरेशन:
DRG बीजापुर, STF, DRG सुकमा, Bastar Fighters, CoBRA, CRPF की संयुक्त टीम।
पश्चिम बस्तर डिवीजन व दरभा डिवीजन के सशस्त्र माओवादियों के खिलाफ अभियान।
सरकार और पुलिस की अपील:
- माओवाद छोड़ें, पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।
- हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।
- बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास का दौर जारी रहेगा।