सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फील्ड में सही तरीके से लागू करना है -संभागायुक्त श्री राठौर

लक्ष्य विभिन्न पहलुओं शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास और रोजगार पर आधारित है- कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट, दुर्ग जिला 71 अंक के साथ फ्रंट रनर

एसडीजी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट में द्वितीय आने वाले तीन जिलों- राजनांदगांव, मोहला-मानपुर और खैरागढ़ को बधाई

दुर्ग। राज्य नीति आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एस.डी.जी.) विषय पर संभाग स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) ऑडिटोरियम दुर्ग में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

       एक दिवसीय उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संभागायुक्त श्री एस.एन. राठौर ने सतत विकास लक्ष्य (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) को प्राप्त करने के तरीके पर चर्चा करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य इन गोल्स को फील्ड में सही तरीके से लागू करना है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) निर्धारित किए थे, जिन्हें 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिला स्तर पर प्रगति की मॉनिटरिंग हेतु डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (डीआईएफ) का निर्धारण किया गया है। श्री राठौर ने यह भी बताया कि एसडीजी के आधार पर जिलाधिकारियों द्वारा एसडीजी डैशबोर्ड में की गई एंट्री के आधार पर प्रतिवर्ष डिस्ट्रिक्ट प्रोगेस रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। इसके अलावा, समय-समय पर अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि वे इस क्षेत्र में हुई नवीन प्रगति से अवगत रह सकें।

       उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 2047 तक “विकसित भारत“ और “विकसित छत्तीसगढ़“ बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, इस पर विचार-विमर्श करना था। श्री राठौर ने रैंकिंग के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि दुर्ग संभाग राज्य के औसत से एक रैंक आगे है। उन्होंने राजनांदगांव, मोहला-मानपुर और खैरागढ़ के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 72 अंक हासिल किए, जबकि दुर्ग ने 71 अंक प्राप्त किए। वहीं, कबीरधाम (65 अंक) और बेमेतरा (69 अंक) हासिल किए हैं। इन दोनों जिलों को और मेहनत करने की जरूरत है। संभागायुक्त ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और विभागों के अधिकारियों को एकजुट होकर रैंकिंग में सुधार करने और राज्य तथा देश को आगे बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें अपनी पूरी ईमानदारी और क्षमता से मेहनत करनी चाहिए, ताकि हम भारत को 2047 तक विकसित भारत और छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बना सकें।

       कलेक्टर अभिजीत सिंह ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसकी शुरुआत मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी) से हुई थी। उन्होंने कहा कि जब वे स्कूल, कॉलेज या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तो समाचार पत्रों में इन गोल्स के बारे में पढ़ते थे। ये गोल्स विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास और रोजगार पर आधारित थे। इन लक्ष्यों के माध्यम से कई देशों और राज्यों ने महत्वपूर्ण कदम उठाए और कई सफलताएं प्राप्त की। उन्होंने राज्य नीति आयोग का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने राज्य और जिले स्तर पर लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक ढांचा तैयार किया। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट इंडीकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है, जिसमें 82 अलग-अलग इंडीकेटर्स को शामिल किया गया है। इसके जरिए जिला और राज्य स्तर पर प्रदर्शन की रैंकिंग की जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर हम दो पायदान ऊपर हैं। दुर्ग जिले को फ्रंट रनर की श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ है। इस सफलता के लिए संभाग के सभी जिलों के अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित कर राज्य को नई ऊचांईयांे पर ले जाएंगे।

       राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव के. सुब्रमण्यम ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य के बारे में विस्तार से समझाते हुए बताया कि विकास केवल आर्थिक वृद्धि पर निर्भर नहीं होता। समावेशी विकास की अवधारणा यह है कि यदि विकास का लाभ सबसे निचले स्तर तक नहीं पहुँचता, तो वह असल में विकास नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2000 में सहस्त्रादि लक्ष्य (मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स) निर्धारित किए थे, जिसमें 8 गोल थे, और 2015 तक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की उम्मीद थी। राज्य ने 17 गोलों में से 16 लक्ष्य चुने, जो राज्य के लिए अधिक प्रासंगिक थे, और इनमें से एक समुद्र तटीय क्षेत्रों से संबंधित था। राज्य ने 106 टारगेट निर्धारित किए और 275 इंटिगेटर के आधार पर मूल्यांकन शुरू किया। राज्य की प्रगति तभी संभव है, जब जिलों की प्रगति पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ ने डाटा को जिला स्तर पर आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया। इसके लिए “डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क“ (डीआईएफ) को लागू किया गया, जो देश में एक अनूठी पहल मानी जा रही है। सफलता का प्रमुख पहलू आंकड़ों की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। आंकड़े प्रमाणिक (विश्वसनीय) होने चाहिए, और समय पर उपलब्ध होने चाहिए । इसके अलावा, उन्होंने यथार्थ आधारित आंकड़े तैयार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि हम अपने लक्ष्यों को सही दिशा में ले जा सकें।

       एक दिवसीय उन्मुखीकरण व प्रशिक्षण कार्यशाला को राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव डॉ. नीतू गौरड़िया ने भी सम्बोधित किया। साथ ही राज्य नीति आयोग टीम द्वारा एसडीजी, डीआईएफ एवं एसडीजी डैशबोर्ड की मॉनिटरिंग के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। जिला स्तर पर सांख्यिकी प्रणाली एवं आंकड़ों के संग्रहण के सुदृढ़ीकरण पर भी प्रकाश डाला गया। टीम द्वारा जिला स्तर पर एसडीजी का स्कोप एवं एकीकरण पर प्रतिभागी अधिकारियों के साथ चर्चा एवं उनकी शंकाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर आईजी श्री रामगोपाल गर्ग, एडीएम श्री अरविंद एक्का, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला, एसडीएम श्री हरवंश मिरी, सीईओ जिला पंचायत श्री बजरंग दुबे सहित संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सातों जिलों के सीईओ एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक सम्पन्न

सौहार्दपूर्ण ढंग से शांति, सद्भाव के साथ होली मनाने की अपील

दुर्ग। जिले की गौरवशाली परम्परा को कायम रखते हुए सौहार्दपूर्ण ढंग से शांति, सद्भाव के साथ होली मनाने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में समिति सदस्यों के अलावा सभी समाज प्रमुख उपस्थित थे। कलेक्टर के अपील पर समाज के सभी वर्ग के लोगों ने जिले में सौहार्दपूर्ण ढंग से शांति, सद्भाव के साथ होली मनाने की अपनी सहमति दिये। समाज प्रमुखों ने होली के पर्व को बेहतर ढंग से मनाने अपने सुझाव जिला एवं पुलिस प्रशासन के समक्ष रखें। जिला प्रशासन द्वारा अवगत कराया गया कि 14 मार्च को शासन द्वारा शुष्क दिवस घोषित किया गया है। सभी मदिरा दुकानें बंद रहेगी। नशे की हालत में घुमने वालों और माहौल बिगाड़ने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी। लोग किसी भी तरह से अफवाह से बचे। साथ ही होली के दिन किसी भी प्रकार की घटना-दुर्घटना की सूचना तत्काल पुलिस को देवें। ध्वनि विस्तारक यंत्रों की उपयोग पर पाबंदी रहेगी। शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। लोगों से विद्युत ट्रांसफार्मर, विद्युत तार, केबल लाईन के नीचे होली नहीं जलाने की अपील की गई। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। नदी-तालाबों में आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षित कर्मी तैनात रहेंगे। पुलिस प्रशासन द्वारा होली के दिन क्या करें, क्या ना करें और घटना-दुर्घटना पर त्वरित सूचना के लिए दूरभाष एवं मोबाइल नंबर प्रसारित किये जाएंगे। बैठक में एडीएम श्री अरविन्द एक्का, एएसपी श्री अभिषेक झा, एसडीएम श्री हरवंश सिंह मिरी सहित सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और सभी समाज प्रमुख उपस्थित थे।

जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक 12 मार्च को

दुर्ग। मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला स्तर पर शासकीय बाल देख-रेख संस्थाओं तथा किशोर न्याय बोर्ड/बाल कल्याण/बालक कल्याण समिति, चाईल्ड हेल्पलाइन यूनिट एवं रेल्वे स्टेशन पर चाईल्ड हेल्पलाईन डेस्क हेतु जारी रिक्त पदों के पद पूर्ति हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की विभागीय चयन समिति द्वारा स्कूटनी/परीक्षण के उपरांत आवेदकों की पात्र-अपात्र सूची दावा-आपत्ति जारी किये जाने हेतु जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक 12 मार्च 2025 को प्रातः 10.30 कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला दुर्ग के प्रेरणा सभाकक्ष में आयोजित की गई है। समिति के सभी सदस्यों को उक्त बैठक में उपस्थिति हेतु अनुरोध किया गया है।
 

 
भारत सरकार की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च को

दुर्ग। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र मालवीय नगर चौक दुर्ग में 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में निःशुल्क पंजीयन शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कार्य दिवस में भी इच्छुक आवेदक कार्यालय जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग में आकर 31 मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना हेतु अपना निःशुल्क पंजीयन करवा सकते है। योजना में भागीदारी हेतु 21 से 24 वर्ष आयु वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो कक्षा 10, 12वी, पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई. अथवा स्नातक उत्तीर्ण हो किन्तु पूर्णकालिक शिक्षा ग्रहण न कर रहा हो एवं पूर्णकालिक रोजगार में संलग्न न हो अपना पंजीयन करवा सकते है।

       जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग के उप संचालक श्री आर.के.कुर्रे के अनुसार पंजीयन हेतु इच्छुक आवेदक समस्त शैक्षणिक मूल प्रमाण/अंकसूची, पहचान पत्र (मतदाता परिचय पत्र/आधार कार्ड/पेनकार्ड/ड्रायविंग लाइसेंस राशन कार्ड), फोटो, छ.ग. निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व समस्त दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित हो सकते हैं।

 

 

 

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