रायपुर : ’विकास की धुरी स्थानीय समुदाय की सहभागिता, विश्वास एवं जागरूकता पर ही केन्द्रित होती है। फिर वह चाहे योजनाओं का धरातलीय क्रियान्वयन से लेकर नवाचार की पहल हो या फिर सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हो सर्वप्रथम सामाजिक भरोसा हासिल करना, पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और मुझे खुशी है कि जिला एवं पुलिस प्रशासन इन्हीं मानकों को ध्यान में रखकर बेहतर कार्य कर रहा है’’। दंतेवाड़ा संयुक्त जिला कार्यालय के डंकनी सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने उक्त आशय के विचार जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की परिचर्चा सह बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि पिछड़े समुदाय को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए जरूरी है कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार से संबंधित सेवाएं, जनकल्याण योजनाओं का सीधा लाभ उन्हें मिले। प्रशासन के प्रति भरोसा कायम होने के पश्चात स्वतः ही सकारात्मक बदलाव परिलक्षित होगा।

इसके पूर्व इस परिचर्चा सह बैठक में कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी द्वारा आकांक्षी जिला के संबंध में जिले की प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।

माओवाद उन्मूलन में पुलिस प्रशासन के प्रयासों को मिल रही है सफलता इस क्रम में पुलिस प्रशासन से बस्तर आईजी श्री सुंदर राज पी द्वारा एजेंडे में माओवादी के उन्मूलन अभियान की जानकारी देते हुए बताया गया कि जिले में उपलब्ध बल डीआरजी, बस्तर फाईटर्स, सीएएफ एवं सीआरपीएफ बल के साथ माओवादियों के प्रभावी क्षेत्रों को नियंत्रण करने हेतु लगातार स्पेशल ऑपरेशन, एरिया डोमिनेशन, डी-माइनिंग, कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन, रोड सर्च ऑपरेशन, एसआरपी, एम्बुश, रोड सर्च ऑपरेशन, कार्यवाही किया जा रहा है। उक्त कार्यवाही के साथ-साथ जिले के माओवादी प्रभावित अंदरुनी क्षेत्रों में जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर आवागमन हेतु सड़क, पुल, पुलिया एवं अन्य विकास कार्यों का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। शासन की पुनर्वास कार्य योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर माओवादियों को राष्ट्र की मुख्यधारा में वापस लाने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं जिससे प्रभावित होकर नक्सलियों के द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा 15 जून 2020 से चलाये जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आईये) के तहत भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद कर शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गांव-गांव तक किया जा रहा है, इसके प्रभाव में लगातार शीर्ष माओवादियों सहित भटके हुए माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 209 इनामी सहित कुल 889 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके है।







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