रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बेमेतरा जिले के विकासखंड मुख्यालय नवागढ़ में आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ओपन पंथी नृत्य प्रतियोगिता एवं गुरु घासीदास लोक कला महोत्सव 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने नवागढ़ में बाबा गुरु घासीदास जैतखम में पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर 209 करोड़ 12 लाख 57 हजार रूपये के 74 विभिन्न विकास कार्याे का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने नवागढ़ के कोदूराम दलित महाविद्यालय में एमकाम और साइंस विषय की 40-40 सीट और अनुसूचित जाति बाहुल्य 10 ग्रामों में 10-10 लाख रूपये की सीसी रोड का निर्माण कराए जाने की घोषणा की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल और राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का समाज एक समतामूलक समाज है। इस समाज के निर्माण में बाबा गुरु घासीदास जी के विचारों की छाया स्पष्ट नजर आती है। मनखे-मनखे एक समान के अपने संदेश से यही बात उन्होंने कह दी। जब एक दूसरे को समानता के दृष्टिकोण से देखना शुरू कर देंगे तो बैरभाव स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। उनका यह संदेश केवल समाज ही नहीं अपितु देश-दुनिया को एकजुटता के सूत्र में बांधता है। ऐसे समय में जब विघटनकारी तत्व देश की एकता को तोड़ने की साजिश में लगे हैं, बाबा गुरु घासीदास जी के संदेश प्रकाश स्तंभ की तरह हमें रास्ता दिखा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। धान के कटोरे की पहचान जिन किसान भाइयों से है, वे सुखी समृद्ध रहें इसके लिए हम किसान भाइयों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीद रहे हैं। पिछली बार हमने 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, इस बार उम्मीद है कि धान खरीदी का यह आंकड़ा 160 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा। बाबा जी ने महिला और पुरुषों के बीच समानता का संदेश भी दिया है। यह समानता तब आयेगी जब आर्थिक रूप से भी हमारी माताएं-बहनें पूरी तरह से सशक्त हों, इसके लिए ही मोदी जी ने हमारी माताओं-बहनों को महतारी वंदन योजना के रूप में हर महीने एक हजार रुपए की गारंटी दी। शपथ ग्रहण के पहले दिन से ही हमने महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन के लिए काम करना आरंभ कर दिया था। तीन महीने के भीतर ही हमने 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में हर महीने एक हजार रुपए की राशि देनी आरंभ कर दी। अब तक हम योजना की दस किश्त दे चुके हैं।