ओडिशा के भुवनेश्वर में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। 29 नवंबर से एक दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नए आपराधिक कानून और नशे के खिलाफ लड़ाई जैसे मामलों पर भी बात होगी।

इस सम्मेलन में 30 और एक दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग लेंगे। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा प्रशासकों को एक मंच पर लाकर आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना और रणनीति पर काम करना है। सम्मेलन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा प्रशासकों के लिए ऐसा मंच है जहां वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों मुक्त चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही वे यहां पर पुलिस में विभिन्न परिचालन, बुनियादी ढांचे और कल्याण जैसी समस्याओं पर भी बात कर पाएंगे।

इसके साथ ही सम्मेलन में विभिन्न आंतरिक सुरक्षा मुद्दों के साथ ही अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को लेकर अपने पेशेवर प्रयोग और प्रक्रियाओं को भी साझा करेंगे। सम्मेलन में विशिष्ट सेवा कार्य करने वालों को राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए जाएंगे।

इस बार सम्मेलन में काफी कुछ नई विशेषताएं शामिल की गईं हैं। इसमे पूरे दिन सत्र चर्चा के अलावा योगा सत्र, व्यवसाय सत्र, ब्रेक आउट सत्र और थीम पर आधारित डिनर टेबल भी शामिल है। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गंभीर पुलिसिंग और देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर अपने विचार और सुझाव प्रधानमंत्री के सामने प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।

पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन को 2014 से प्रधानमंत्री लगातार प्रोत्साहित करते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डीजीपी सम्मेलन में गहरी रुचि है। वह न केवल सभी प्रतिभागियों के विचारों को सुनते हैं। बल्कि औपचारिक चर्चा और नए विचारों के लिए खुला वातावरण प्रदान करते हैं। अब तक सम्मेलन का आयोजन गुवाहाटी, कच्छ के रण, हैदराबाद, टेकनपुर ग्वालियर, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी केवडिया गुजरात, पुणे, लखनऊ, नई दिल्ली और जयपुर में किया जा चुका है।

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