जगदलपुर। दरभा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कमानार में एक हृदयविदारक घटना में बंदर के उत्पात के कारण अपनी जान बचाने के प्रयास में तालाब में कूदीं दो महिलाओं की मौत हो गई। यह घटना बीते 20 अक्टूबर को घटित हुई, लेकिन घटना के एक सप्ताह बाद भी जिला प्रशासन या वन विभाग ने किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया है। इस दुःखद घटना से आक्रोशित छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी ने मृतक महिलाओं के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और उचित मुआवजे की मांग को लेकर संघर्ष का आश्वासन दिया।
घटना की जानकारी और दुःखी परिजनों से मुलाकात
नरेंद्र भवानी ने बताया कि इस घटना में दो महिलाओं ने बंदरों के उत्पात से बचने के लिए तालाब में छलांग लगाई, लेकिन इस प्रयास में उनकी डूबने से मृत्यु हो गई। भवानी ने घटना स्थल का मुआयना किया और दुःखी परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को इस कठिन समय में संबल दिया और मुआवजे के लिए संबंधित अधिकारियों से मिलकर तत्काल सहायता राशि दिलाने का वादा किया।
वन विभाग की लापरवाही का आरोप
नरेंद्र भवानी ने इस दुर्घटना के लिए वन विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वन विभाग को जंगल के आसपास के गांवों में जंगली जानवरों की आमद रोकने के उपाय करने चाहिए ताकि ग्रामीण सुरक्षित रह सकें। भवानी ने मांग की कि वन विभाग और प्रशासन जंगल के किनारों पर जालीदार फेंसिंग लगाने का कार्य करें, जिससे जानवर रहवासी इलाकों में न पहुंच पाएं और इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
मुआवजा दिलाने का प्रयास और प्रशासन से मांग
भवानी ने दुःखी परिवार को आश्वासन दिया कि वह मुआवजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आज तक फॉरेस्ट विभाग या तहसीलदार की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है, जो अत्यंत दुःखद है। भवानी जल्द ही संबंधित अधिकारियों से मिलकर मुआवजे की मांग करेंगे और साथ ही कांगेर वेली क्षेत्र के चारों ओर जालीदार फेंसिंग की व्यवस्था के लिए भी प्रशासन से अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।