कुशवाहा की पार्टी में भूचाल: बेटे को मंत्री बनाए जाने के विरोध में चार नेताओं का इस्तीफा
पटना
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। चारों ने पत्र लिखकर रालोमो की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, प्रदेश महासचिव सह लखीसराय जिला संगठन प्रभारी प्रमोद यादव, प्रदेश महासचिव सह नालंदा जिला संगठन प्रभारी राजेश रंजन उर्फ गुरु मुखिया और प्रदेश प्रवक्ता सह प्रदेश महासचिव राहुल कुमार शामिल हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं पिछले 9 वर्ष से उपेंद्र कुशवाहा के साथ काम कर रहा हूं लेकिन अब कई राजनीतिक और सांगठनिक निर्णय से अपने को जोर नहीं पा रहा हूं। ऐसी स्थिति में अब काम करना संभव नहीं रह गया है। इसलिए पार्टी की अपनी जिम्मेदारी और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना ही मैं उचित समझता हूं।
वही रालोमो के प्रदेश महासचिव सह लखीसराय जिला संगठन प्रभारी प्रमोद यादव ने कहा कि मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि बिहार चुनाव में पार्टी द्वारा शेखपुरा विधानसभा के लिए मजबूत दावेदारी पेश नहीं किया गया। इतना ही नहीं बिना कारण बताए ही पार्टी के शेखपुरा जिला कमेटी को भंग कर दिया गया। इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।
योग्य विधायक रहने के बावजूद बेटे को मंत्री बनाया
प्रमोद यादव ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में योग्य विधायक रहने के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे को बिहार सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई यह गलत है और मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले से असहमत हूं। वहीं रालोमो के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने कहा कि पिछले 9 साल से मैं उपेंद्र कुशवाहा के साथ हूं। लेकिन अब पार्टी के निर्णय में अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा हूं ऐसी स्थिति में काम करना संभव नहीं है इसलिए पार्टी की अपनी जिम्मेदारी और प्राथमिक सदस्यता से अब मैं त्यागपत्र दे रहा हूं।
सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयान बर्दाश्त नहीं
प्रदेश महासचिव सा नालंदा जिला संगठन प्रभारी राजेश रंजन उर्फ गुरु मुखिया ने कहा कि मैं भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। पहला कारण यह है कि बिहार चुनाव में शेखपुरा विधानसभा के लिए मजबूत दावेदारी पेश नहीं की गई। दूसरा कारण यह है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 24 नवंबर को सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार पर आरोप लगाकर मक्खी उड़ाने जैसा अभद्र बयान दिया था। उनके खिलाफ कोई भी बयान दे, यह मुझे बर्दाश्त नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के इन कार्यों से मैं असहमत हूं। इसलिए मैंने अब पार्टी दी।

