बानबरद गांव में खुलेआम चल रहा सट्टा, स्थानीय नेता और पुलिस की मिलीभगत का आरोप
नंदिनी नगर। नंदिनी थाने के समीप बानबरद गांव के वार्ड नंबर 14 में सट्टे का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय नेताओं और लोगों की मदद से यह अवैध धंधा जोरशोर से चल रहा है। गांव के बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी “एक के 90” की इस खतरनाक खेल में उलझ रहे हैं, जिससे उनकी जिंदगी बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है।
सट्टे का यह गंदा खेल स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से जारी है, जहां खाईवाल तो मालामाल हो रहे हैं, लेकिन गांव के लोगों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। जानकारों का कहना है कि सट्टे के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन अंततः यह खेल उन्हें बर्बादी की ओर धकेल देता है।
पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासनिक मिलीभगत
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस प्रशासन की 112 टीम समय-समय पर गांवों में गश्त करती है, लेकिन सट्टे के इस अवैध कारोबार पर किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। कभी-कभार पुलिस छोटे सट्टा पट्टी लिखने वालों को पकड़कर इतिश्री कर लेती है, लेकिन इस संगीन अपराध के बड़े खिलाड़ियों पर कोई शिकंजा नहीं कसता।
स्थानीय नेताओं की भूमिका पर सवाल
सूत्रों का कहना है कि इस सट्टा कारोबार को स्थानीय नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है। सफेदपोश नेता इस कारोबार से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह अवैध धंधा अब महामारी की तरह पूरे क्षेत्र में फैल चुका है, और प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता ने इसे और बढ़ावा दिया है।
समय रहते कार्रवाई की जरूरत
गांव के जागरूक नागरिकों का मानना है कि इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि समय रहते पुलिस प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व ने इस पर अंकुश नहीं लगाया, तो यह सट्टा महामारी और अधिक गंभीर रूप धारण कर लेगी, जिससे गांव का युवा वर्ग पूरी तरह बर्बाद हो सकता है।