40 गांवों के किसान पांच सूत्रीय मांगों को लेकर उतरे आंदोलन के मैदान में, बैंक शाखा स्थापना सहित अन्य मुद्दों पर जताई नाराजगी
डोंगरगांव। खुज्जी विधानसभा के कुमरदा तहसील के अंतर्गत 40 से अधिक गांवों के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है। ये किसान लंबे समय से कुमरदा में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसके चलते किसानों ने 10 सितंबर को एक बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
रविवार को किसान संघ की तहसील इकाई द्वारा कुमरदा में आयोजित एक बैठक में सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में किसानों ने पांच प्रमुख मांगों को तय किया है, जिनमें कुमरदा में सहकारी बैंक की शाखा स्थापना की मांग प्रमुख है। किसान नेता चंदू साहू ने बताया कि कुमरदा और आसपास के दर्जनों गांवों के किसानों को अपनी बैंकिंग जरूरतों के लिए डोंगरगांव जाना पड़ता है, जहां पहले से ही भारी भीड़ और लंबी कतारें होती हैं।
बैंक शाखा की मांग पर जोर
किसानों का कहना है कि कुमरदा में सहकारी बैंक की शाखा शुरू होने से आसपास के 40 गांवों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में, किसानों को बैंक के कामकाज के लिए 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इससे उनका पूरा दिन बैंक के कामों में ही बीत जाता है, जिससे उन्हें समय और श्रम की हानि होती है।
पांच सूत्रीय मांगें
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक विस्तृत रणनीति तैयार की है। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- कुमरदा में सहकारी बैंक की शाखा की स्थापना: किसानों का कहना है कि इससे क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों के किसानों को लाभ होगा।
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शेष किस्त का भुगतान: किसानों ने इस योजना की शेष किस्तों के शीघ्र भुगतान की मांग की है।
- अघोषित बिजली कटौती बंद करने: क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली कटौती से किसान परेशान हैं और इसे तुरंत बंद करने की मांग की है।
- ग्राम चिरचारीकला को पूर्ण सोसायटी का दर्जा: किसानों ने चिरचारीकला ग्राम को पूर्ण सोसायटी का दर्जा देने की मांग की है।
- हसदेव में पेड़ों की कटाई रोकने की मांग: किसानों ने हसदेव क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को तत्काल रोकने की मांग की है, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
किसानों का यह आंदोलन उनके अधिकारों और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए है, जिसमें वे अपनी आवाज को मजबूती से उठाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। 10 सितंबर को कुमरदा में होने वाले इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसानों के जुटने की संभावना है, जिससे उनकी मांगों को और बल मिल सके।