अनुविभागीय अधिकारी विशेष अभियान चलाकर 10 सितम्बर के भीतर राजस्व संबंधी प्रकरणो का करें निराकरण: कलेक्टर सुश्री चौधरी
राजस्व प्रकरणों में हुआ विलंब तो की जायेगी कार्यवाही
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों से विशेष अभियान चलाकर 10 सितम्बर 2024 के भीतर राजस्व संबंधी प्रकरणों का निराकरण करने के सख्त निर्देश दिए। शासकीय भूमि पर अनावश्यक धान बोने की जानकारी होने पर एडीएम श्री अरविद एक्का को जांच के निर्देश दिये।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में राजस्व संबंधित होने वाली गतिविधियो की गहन समीक्षा की। उन्होंने सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों से राजस्व संबंधी लंबित मामलों की जानकारी ली एवं आवश्यक निर्देश देते हुए लंबित प्रकरणों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा। उन्होंने विवादित नामांतरण विवादित खाता विभाजन एवं नक्शा सुधार के कार्यों को समितियों से जानकारी लेकर नंबरदार के साथ पटवारी से समन्वय कर खाता विभाजन के कार्यों को सुनिश्चित करने कहा। बैठक में कलेक्टर ने बटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, नामातरण, खाता विभाजन सहित सभी राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जनदर्शन व कलेक्टर जनदर्शन के अंतर्गत राजस्व संबंधी लंबित प्रकरणों को शीघ्रता से निराकरण करने के निर्देश दिये। इसके अलावा नक्शा बटांकन के कार्यों के सबंध में तहसीलदारों को निर्देशित किया कि मैदानी क्षेत्रों का निरीक्षण कर जमीन की वस्तुस्थिति जांच की जाए एवं नक्शा बटांकन किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शासकीय भूमि से कब्जा हटाने के भी निर्देश दिये। इसके अलावा उन्हांेने भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों एवं मुआवजा भुगतान, भारतमाला परियोजना, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण करने निर्देश दिए, जिससे प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान करने में किसी भी प्रकार का विलंब न हो। उन्होंने सभी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख (एएसएलआर) को आबंटित अपने-अपने तहसीलों का निरीक्षण कर उचित कार्यवाही करते हुए एसडीएम को सूचित करने के निर्देश दिए। उन्होने भू-अभिलेख को सुधार करने के निर्देश दिये। विशेषतौर पर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदारों से समन्वय बनाकर भू-अभिलेख संबंधी प्रकरणों को निराकरण किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी तहसील नक्शा नवीनीकरण कार्य को शीघ्र करने के उपरांत मूल कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। विशेषतौर पर अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा है कि भू-अर्जन संबंधी लंबित प्रकरणों को गंभीरता से निराकरण कर सूचित किया जाये। साथ ही राजस्व प्रकरणों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वामित्व से संबंधित प्रकरणों का निराकरण 15 सितम्बर 2024 तक किया जाने को कहा। राजस्व वसूली को लेकर कलेक्टर ने सभी व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र से राजस्व कर वसूली किया जाना सुनिश्चित करने कहा।
कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा कि स्क्रीनिंग के टेस्ट के समय शासकीय भूमि अदला बदली किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में कोतवार के माध्यम से नोटिस दिए जाए एवं जहां कोतवार नही है वहां नियुक्त किये जाने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान एडीएम श्री अरविंद एक्का, नगर निगम आयुक्त श्री देवेश ध्रुव, सहायक कलेक्टर श्री एम भार्गव, अपर कलेक्टर बजरंग दुबे, एसडीएम श्री हरवंश सिह मिरी, संयुक्त कलेक्टर मुकेश रावटे एवं विरेन्द्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री उत्तम ध्रुव, लवकेश ध्रुव, सोनल डेविड व तहसीलदारों के साथ अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
डिजीटल फसल सर्वेक्षण हेतु तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को दिया जा रहा प्रशिक्षण
9 सितंबर से 30 सितंबर 2024 तक चलने वाले डिजीटल फसल सर्वेक्षण की बनेगी साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट
दुर्ग। भारत सरकार कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य में तीन जिलों क्रमशः धमतरी, महासमुंद एवं कबीरधाम को खरीफ 2024 हेतु डिजीटल फसल सर्वेक्षण के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में चयनित किया गया है। उक्त जिलों के प्रत्येक ग्रामों तथा शेष जिले अंतर्गत कलेक्टर द्वारा चयनित तहसीलों में खरीफ 2024 में लगाये गए फसलों का डिजीटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। यह कार्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पोर्टल एवं एप्प पर संलग्न पत्र अनुसार दिए गए निर्देशों के अधीन किया जाना है।
कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले अंतर्गत तहसील धमधा में खरीफ 2024 में लगाए गए फसलों का डिजीटल फसल सर्वेक्षण किया जाना है, जिसमें तहसीलदार (मास्टर ट्रेनर), राजस्व निरीक्षक (सत्यापन कर्ता) एवं पटवारी (सुपरविजन कर्ता) का प्रशिक्षण 31 अगस्त तक, सर्वेक्षण कर्ताओं का चयन 30 अगस्त 2024 तक सर्वेक्षणकर्ताओं को प्रशिक्षण 7 सितंबर 2024 तक अनिवार्यतः प्रदान किया जाएगा। डिजीटल फसल सर्वेक्षण 9 सितंबर 2024 से प्रारंभ कर 30 सितंबर 2024 तक की अवधि में पूर्ण करते हुए प्रत्येक मंगलवार को साप्ताहिक प्रगति की जानकारी से कार्यालय कलेक्टर को दी जायेगी।