राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिंदू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन देंगे अपना ओजस्वी उद्बोधन
संघ के विचारों से प्रेरित, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य जन पूछ सकेंगे सवाल
रायपुर। स्वर्गीय कुंदन लाल जैन की स्मृति में “राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण” विषय पर आयोजित होने वाली व्याख्यानमाला में राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मंदिर केस के हिंदू पक्ष के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन अपना विशेष उद्बोधन देंगे। यह आयोजन रायपुर में 25 अगस्त 2024 को होगा, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना और जैन समाज के गुरु, परमपूज्य श्री विराग मुनिश्री जी भी प्रमुख वक्ताओं में शामिल रहेंगे।
रायपुर महानगर के पूर्व संघचालक स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी की पुण्य स्मृति में, रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में इस स्मृति विचार माला का दूसरा चरण आयोजित किया जा रहा है। “राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण” विषय पर केंद्रित इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभक्ति और सनातन धर्म के मूल्यों को जागृत करना है। यह कार्यक्रम 25 अगस्त को प्रातः 11:00 बजे से शुरू होगा, जिसमें उपस्थित गणमान्य व्यक्ति मुख्य अतिथियों से प्रश्न पूछने का अवसर भी प्राप्त करेंगे।
इस विशेष अवसर पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के प्रेरणादायक विचारों को सुनने का मौका मिलेगा। जैन ने अपने करियर की शुरुआत अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले से की थी और तब से वे कई महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक मामलों में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अपने पिता श्री हरिशंकर जैन के साथ मिलकर 102 से अधिक मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें से कई मामले निर्णायक रूप से जीते जा चुके हैं। उनका आगमन 24 अगस्त की शाम 07:00 बजे रायपुर के माना विमानतल पर होगा।
स्वर्गीय श्री कुंदन लाल जैन जी, जो 1947 में जन्मे थे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक आदर्श स्वयंसेवक थे। उन्होंने संघ में कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया और जीवनभर समाज सेवा में रत रहे। उनके स्नेह और मार्गदर्शन में आने वाले सभी लोगों ने शांति और आनंद की अनुभूति की। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है, और उनके सम्मान में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा है।
इस महती आयोजन में सभी को आमंत्रित किया जाता है। यह कार्यक्रम न केवल स्व. कुंदन लाल जैन जी की स्मृति को संजोएगा बल्कि राष्ट्रभक्ति और सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण मंच भी बनेगा।