भिलाई में भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सांसद बघेल ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और विभाजन के दुष्काल को याद किया, सरस्वती शिशु मंदिर की सराहना की
भिलाई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए सांसद विजय बघेल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए उन्होंने जिन यातनाओं और कष्टों का सामना किया, उनकी भरपाई किसी भी रूप में संभव नहीं है। उन्होंने यह बातें भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सेक्टर 4 भिलाई में आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
सांसद बघेल ने कहा कि आज हम स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं और अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन यह स्वतंत्रता इतनी आसानी से नहीं मिली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश को आजाद कराने के लिए अत्यंत कठिनाइयाँ सहन कीं, जिनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते। उनके बलिदान की कोई भरपाई नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों और सहन की गई कठिनाइयों को समझने में असफल रहते हैं, तो हमारा जीवन व्यर्थ है।
कार्यक्रम के दौरान, सांसद बघेल ने भारत विभाजन के दौरान हुई मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय रेल के डिब्बों में भर-भर कर लाशें आईं, कई बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ गए, कई लोगों की वीभत्स हत्याएं की गईं और भूख के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो गई। माताओं और बहनों के साथ बर्बरतापूर्वक अत्याचार किए गए। इस प्रकार, भारत ने अत्यंत कठिन और बुरे दिन देखे हैं।
सांसद बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को हमेशा याद रखने की बात की और कहा कि उनके बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्रता से सांस ले रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की विधिवत पूजा और दीप प्रज्जवलन से हुई। सांसद बघेल ने स्कूल में लगाए गए भारत विभाजन विभीषिका के पोस्टर्स और चित्रों का अवलोकन भी किया।
सांसद ने सरस्वती शिशु मंदिर की सराहना करते हुए कहा कि भले ही यह कार्यक्रम छोटा था, लेकिन इसकी भावनाएँ और प्रासंगिकता बहुत बड़ी हैं। उन्होंने बताया कि कई स्कूल अच्छी शिक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन सरस्वती शिशु मंदिर अच्छे संस्कार, देश प्रेम की भावना और सनातन की सेवा भी सिखाता है।
कार्यक्रम में महेश वर्मा, योगेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह, अमित मिश्रा, स्वीटी कौशिक, अशोक त्रिपाठी, तुलसी साहू, गजानन बंछोड़, प्रिंसिपल संगीता पवार, प्रमिला दुबे, स्नेहा शुक्ला, मनीष सिंह, रोहन सिंह, राहुल परिहार, रामू उपकार तिवारी, के रूद्र मूर्ति बालराजू, पंकज वर्मा, सूर्यकांत पांडे, रोहित साहू, प्रहलाद सिंह, शीतल सिंह, ज्योति सोनी, मोहिनीस कॉले, संगीता खेड़कर, सागरिका प्रधान, मीरा सिंह, गायत्री राय, खुशबू एक्का, नीलम कोसरे समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।